जय गुरु देव
सेवा हि मानवता विद्यते ।मानवतैव अस्माकं परमो धर्मः ।
“अपना धर्म अपना सँस्कार अपना पहिचान”
गुरूकुलम् सम्बन्ध जानकारी तथा सहयोग हेतु अनुरोध अपील ।
आप हम सबका साझा महाअभियान द्वारा न्यूनतम आय वाले अभिभावकको के सन्तान जो अपने बच्चों को भरपूर खाना, रहने का व्यवस्था, कपड़ा, शिक्षा, शारिरीक स्वस्थ्य जैसा आधारभूत आवश्यकता का परिपूर्ति करने की क्षमता नहीं, वो बच्चों का भविष्य अन्धकारमय और अन्यौलपूर्ण रहता है और समाज मे जो बच्चे अहसाय है उन सबके सेवा मे यह महाअभियान शुरू किया गया है ।
यह महाअभियान अन्तरगत ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र सब वर्णों को पढ़ाई की शिक्षा दी जायगी साथ मे यह गुरूकुल से भेदभाव एवम् छुवा छुट का अन्त कर एक ईश्वर के सन्तान बिच भेदभाव रहित मानवता मे एकताबद्ध होने का संदेश प्रवाहित करनेवाला यह एक महाअभियान है ।
धर्म सँस्कार बचाने हेतु गुरूकुलीय पद्दति व गुरूकुलीय शिक्षा का होना अत्यन्त जरुरी है, क्यूँ की हम वैदिक सनातनी हिन्दु होकर भी हमारा अपना धर्म अन्तर्गत (भितर) का ज्ञान, वैज्ञानिक/विज्ञान तथा सँस्कार का वास्तविकता से परे/दुर है ।
वास्तव मे संस्कृत शिक्षा समस्त मानव प्राणी के लिए ज्ञान का एक अमृत धारा है और यह शिक्षा का जानकार/ज्ञान होना अति आवश्यक है वरना जिवन व्यर्थ है ।
प्राचिन मौलिकता, धर्म, सँस्कार को बचाए रख्ने के लिए सम्पूर्ण युवाओं को जागना होगा और साथ मे अपना धर्म संस्कृति रक्षार्थ हेतु आगे आकर आने वाले पिडि को मार्ग दर्शन कर सके ।
विश्व का सबसे पुराना शिक्षा प्रणाली/पद्दति सिर्फ़ “गुरूकुल” है जो आज सारा दुनियाँ मानती है और पश्चिमा लोग भी “वैदिक” पूर्विय दर्शन को हृदय मे रख अपना एक लक्ष्य तय कर चुकेँ है ।
जब आधुनिक स्कूल, कलेज व विश्वविद्यालय का अवधारणा विकास नहीं हुआ था और वह समय से पहले गुरूजन के नज़दीक व आश्रम में रह कर शिक्षा का आर्जन हुआ करता था और यह गुरूकुलीय शिक्षा पद्दति है ।
आधुनिक शिक्षा का विकास के पिछे का पृष्ठभूमि गुरूकुलीय शिक्षा प्रणाली ही है ।
आधुनिक शिक्षा का स्रोत हमारा वैदिक सनातनी धार्मिक ग्रन्थ भागवत, गीता, वेद, पुराण, उपनिषद् आदि है ।
यह ही ग्रन्थों के आधार पर वर्तमान शिक्षा विस्तारित रुप में दिखने में आया है ।
गुरूकुलीय प्रणाली/पद्दति से मार्गनिर्देशक व्यक्तित्व, त्यागी, अनुशासित और मानव जगत प्रति समर्पित व्यक्तित्व पैदा करता है ।
तसर्थ शिक्षा का यह प्रणाली आज तक जीवित है ।
• गुरूकुलम सम्बन्ध जानकारी !!
१. गीता, रामायण, वेद और पुराण, योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, अंग्रेज़ी, गणित, नेपाली आदि का शिक्षा पढ़ाया जाता है ।
२. वटुक (बाल पण्डितों) को कर्मकाण्ड, पुजा पाठ, ध्यान, साधना, जप आदि सिखाया
जायगा ।
३. शिक्षक (आचार्य) तथा वटुक (बाल पण्डितों) को राष्ट्रीय पोशाक (ड्रेस) टोपी और धार्मिक पोशाक (ड्रेस) का व्यवस्थापन होगा ।
४. दैनिकी सुबह रुद्री, कर्मकाण्ड, वेद पाठ, तथा दुर्गा, शनि, हनुमान चालीसा, हर मंगलवार और शनिबार गुरूकुल में हिन्दु धर्म में आधारित कार्यक्रम किया जायगा ।
५. वटुक (बाल पण्डितों) को युद्ध कला और वैदिक सनातनी हिन्दु धर्म का रक्षा सिखाया जायगा ।
६. वैदिक सनातनी हिन्दु धर्म के सम्पूर्ण महापुरुषों का पठन पाठन कराया जायगा ।
७. बौद्ध शिक्षा तथा ॐकार अन्तर्गत सम्पूर्ण धर्म का ज्ञान वटुक (बाल पण्डितों) को दिया जायगा ।
८. ॐकार तथा राष्ट्रीय झण्डा रख कर हर दिन सुबह वेद का शान्ति मन्त्र तथा राष्ट्रीय गान किया/कराया जायगा ।
९. संविधान तथा इतिहास के बारे में विद्यार्थीयों जानकारी करवाया जायगा ।
१०. वटुक (बाल पण्डितों) को भोजन, वासस्थान, कपड़ा और शिक्षा का व्यवस्था निःशुल्क किया गया
है ।
११. वटुक (बाल पण्डितों) धार्मिक तथा आधुनिक शिक्षा का पठन पाठन करवाया जायगा ताकी आने वाले दिनों में वह अपने आप में आत्म निर्भर हो सके ।
१२. ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य शुद्र सब को पठन पाठन करवाया जायगा और गुरूकुल से छुवा छुट तथा भेदभाव का अन्त्य कर एकता का संदेश कायम करवाया जायगा ।
१३. भविष्य में विशाल धार्मिक कार्यक्रम हर एक महिना गुरूकुल मे किया जायगा, धर्म भीतर का तथा राष्ट्रीय पर्व (दिवस) में बृहत् रुप में कार्यक्रम संचालन होगा ।
• सहयोग हेतु सहयोग अपील !!
१. अपना जन्म दिन पर सामूहिक भोजन करा सकते है ।
२. विवाह और व्रतबन्ध में वटुक (बाल पण्डितों) के साथ ख़ुशियाँ लुटा सकते है ।
३. पितृदोष, कर्मदोष निवारण हेतु वैदिक कर्म पश्चात सामूहिक भोजन करके दोषनिवारण कीजिये ।
४. शैक्षिक सामाग्री और कपड़ा देकर सहयोग करें ।
५. हो सके तो नियमित भोजन और शिक्षा में सहभागी हो सकते है ।
६. चावल, दाल, सब्ज़ी, ग्यास, कपड़ा, भूमीदान, आवास निर्माण सहयोग और नगद उपलब्ध करा सकते है ।
७. फ़िलहाल भाड़ा में संचालित गुरूकुल का भाड़ा तथा गुरुओं का तलब के लिए मासिक सहयोग कर सकते है ।
८. गुरूकुल के लिए कोही भी सल्लाह सुझाव हो तो दे सकते है ।
गुरु अदृश्य कृष्ण
दिव्य निरोग नेपाल